राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद में पारित तीन तलाक विधेयक को मंजूरी दे दी है जिससे अब यह एक कानून के रूप में तब्दील हो गया है। सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। बुधवार को प्रकाशित राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने संसद में पारित विधेयक को मंजूरी दे दी है।
यह कानून 21 फरवरी को इस संबंध में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। पत्नी को तीन तलाक के जरिए छोडऩे वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल तक की जेल के प्रावधान वाले इस विधेयक को मंगलवार को राज्यसभा ने पारित कर दिया था। इससे पहले यह लोकसभा में पारित हुआ था। नया कानून-मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 मुस्लिम पति द्वारा दिए जाने वाले तलाक ए बिद्दत यानी कि तीन तलाक को गैरकानूनी बताता है।
लोकसभा में यह विधएक पिछले सप्ताह पारित किया गया था, जिसके बाद राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से इसे पारित कर दिया। सत्तारूढ़ राजग को राज्यसभा में बहुमत नहीं है लेकिन वह बीजद के समर्थन तथा सत्तारूढ़ राजग के घटक जद(यू) एवं अन्नाद्रमुक के वॉकआउट के चलते सरकार उच्च सदन में इस विधेयक को पारित कराने में सफल हो गई।
इस विधेयक को पारित कराते समय विपक्षी कांग्रेस, सपा और बसपा के कुछ सदस्यों तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति एवं वाईएसआर कांग्रेस के कई सदस्यों के सदन में उपस्थित नहीं रहने के कारण सरकार को काफी राहत मिल गई। लोकसभा में विधेयक पर वोटिंग के दौरान भी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने बहिर्गमन किया था।
विपक्षी दलों का कहना था कि कानून की मौजूद संरचना से प्रस्तावित कानून का मुस्लिमों को परेशान करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और संसदीय समिति को इसकी समीक्षा करनी चाहिए।