आरबीआई ने दिसंबर से एनईएफटी के जरिए 24 घंटे कोष हस्तांतरण की अनुमति देने का निर्णय किया है। इसका पहल का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है। रिजर्व बैंक ने कहा कि निर्णय से देश में खुदरा भुगतान प्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा।
फिलहाल राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक कोष हस्तांतरण (एनईएफटी) का परिचालन आरबीआई खुदरा भुगतान व्यवस्था के रूप में करता है। यह ग्राहकों के लिए दूसरे और चौथे शनिवार के अपवाद के साथ सभी कामकाजी दिवस में सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक के लिए उपलब्ध होता है। एनईएफटी प्रणाली का उपयोग 2 लाख रुपए तक के कोष के हस्तांतरण में किया जाता है।
भुगतान प्रणाली दृष्टिकोण 2021 दस्तावेज में आरबीआइ्र ने कहा था कि वह दिसंबर 2019 से सातों दिन 24 घंटे एनईएफटी प्रणाली उपलब्ध कराएगा। इससे पहले, जून में द्विमासिक मौद्रक नीति समीक्षा में आरबीआई ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए आरटीजीएस (राइट टाइम ग्रास सेटलमेंट) और एनईएफटी के जरिए कोष हस्तांतरण पर लगने वाला शुल्क समाप्त कर दिया था। साथ ही बैंकों से ग्राहकों को इसका लाभ देने को कहा था। आरटीजीएस का उपयोग बड़ी राशि के हस्तांतरण में किया जाता है।