शोध और नीतिगत सुधारों के जरिए दक्षिण एशिया के छोटे किसानों का जीवन स्तर बेहतर बनाने और गरीबी तथा कुपोषण को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पिछले दो दशक से अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर विभिन्न जिम्मेदारियां संभालने वाली पूर्वी मेंहता को वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन की सलाहकार परिषद में शामिल किया गया है।
फिलहाल पूर्वी मेहता बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ काम कर रही हैं और एशिया में फाउंडेशन के कृषि कार्यक्रमों का संचालन कर रही हैं। इससे पूर्व वह अन्तरराष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान :आईएलआरआई: से जुड़ी रहीं हैं।
वह दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया तथा अफ्रीका में बहुत से सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के साथ तकनीकी अनुकूलन और बहुत से विकास कार्यों का दायित्व संभाल चुकी हैं।
डा. पूर्वी मेहता ने भारत की एम एस यूनिवर्सिटी के अलावा जापान की तोक्यो यूनिवर्सिटी और अमेरिका की नार्थ कैरोलाइना स्टेट यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और वह कई संगठनों के संचालक मंडल में शामिल रही हैं।
इनमें कनाडा की इंटरनेशनल अलायंस फार इकोलोजी एंड हैल्थ और नीदरलैंड की इंटरनेशनल सेंटर फोर रूरल एग्रीकल्चर शामिल है। वह एमिटी यूनिवर्सिटी में मानद प्रोफेसर हैं और कोरनेल यूनिवर्सिटी की विजिटिंग साइंटिस्ट हैं।
दक्षिण एशिया में कृषि नीतियों पर उनके योगदान के लिए उन्हें 2014 में एग्रीकल्चर टुडे अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उन्होंने दो किताबें लिखी हैं और 50 से ज्यादा प्रकाशन उनके नाम दर्ज हैं।
पूर्वी को विश्व खाद्य पुरस्कार परिसंघ की सलाहकार परिषद में चुने जाने का ऐलान करते हुए विश्व खाद्य पुरस्कार संगठन के अध्यक्ष केनेथ कुइन ने कहा, पिछले दो दशक से पूर्वी मेहता दक्षिण एशिया के छोटे और गरीब किसानों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के क्षेत्र में अग्रणी रही हैं और उनमें संगठन के शिक्षा और युवा कार्यक्रमों में उपयोगी सुधार लाने की अद्भुत क्षमता है।
परिषद में रहते हुए पूर्वी मेहता विश्व खाद्य पुरस्कार संगठन नेतृत्व की नीतियों की समीक्षा करेंगी और जरूरी सलाह और मार्गदर्शन देने के साथ ही परिसंघ के कार्यक्रमों को विकसित और कार्यान्वित करेंगी।
इस पद पर रहते हुए मेहता को दी जाने वाली अन्य जिम्मेदारियों में विश्व खाद्य पुरस्कार विजेताओं का चयन करने वाली समिति के सदस्यों की नियुक्ति और हर वर्ष समिति द्वारा चुने जाने वाले विजेता का अनुमोदन करना शामिल है।
एक विश्व संगठन में महत्वपूर्ण दायित्व मिलने से हर्षित पूर्वी मेहता ने कहा सलाहकार परिषद का हिस्सा बनकर गौरवान्वित हूं। आज कृषि का क्षेत्र वैश्विक रूप से एक दिलचस्प दोराहे पर है।
हम खाद्य सुरक्षा के रास्ते पर काफी आगे निकल आए हैं, लेकिन कुपोषण और जलवायु अनुकूलन जैसी कई चुनौतियों पर अभी पार पाना बाकी हैं। वर्ल्ड फूड प्राइज एक ऐसा मंच है, जो हमें हमारी सफलताओं पर जश्न मनाने के योग्य तो बनाता है, लेकिन साथ ही कृषि के क्षेत्र में हमारी अप्रयुक्त क्षमता का भी स्मरण कराता है।
डा. पूर्वी गुप्ता दुनिया से कुपोषण और भूख को मिटाने की दिशा में काम कर रही हैं और उन्हें विश्वास है कि एक दिन दुनिया में सबके पास पेट भरने को भोजन होगा। (भाषा)