बरेली में बाहर से आने वालों पर रासायनिक घोल का छिड़काव पर बसपा, सपा ने की कटु आलोचना

image - social media
Share this news

लखनऊ बरेली , 30 मार्च कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के क्रम में दूसरे प्रदेशों और जिलों से आने वाले प्रवासी कामगारों को “संक्रमण मुक्त करने के लिएै रविवार को बरेली बस अड्डे पर यातायात पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल का उनपर छिड़काव किया।  नोएडा जिला अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर अनुराग भार्गव ने बताया कि सोडियम हाइपोक्लोराइड घोल एक प्रकार का रसायन है जिसके 0.5 प्रतिशत घोर्ल जिसे डायकिन घोल भी कहा जाता हैी का इस्तेमाल किसी भी वस्तु को संक्रमण से मुक्त करने के लिए होता है, सामान्य तौर पर अस्पतालों में इसके 0.5 या। प्रतिशत घोल का इस्तेमाल रोजमर्रा की सफाई के लिए होता है।

 इस घटना की सपा, बसपा व कांग्रेस ने कटु आलोचना की है। विपक्ष के नेताओं के ट्वीट के बाद बरेली के जिलाधिकारी ने इस घटना से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।  इस घटना के संबंध में सवाल करने पर बरेली के जिलाधिकारी नितीश कुमार ने कहा, प्रभावित लोगों का मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम एवं दमकल विभाग के दलों को बसों को संक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन अतिसक्रियता में उन्होंने सा किया। संबंधित लोगों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।  

लेकिन, बरेली के मुख्य अग्निशमन अधिकारी सी.एम. शर्मा को इस पर कोई पश्चाताप नहीं है। उन्होंने एकतरह से इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा, किसी भी अच्छे काम में कुछ तकलीफ तो होती ही है। घोल के छिड़काव से अगर कुछ बूंदें आखों में चली जाएं तो दो-चार सेकेंड की जलन होती है, उससे कोई नुकसान नहीं होता है। अस्थाई बस अड्डे पर सोडियम हाइपोक्लोराइर्ड ब्लीची युक्त पानी के घोल का छिड़काव जरुरी था। इससे महामारी नियंत्रित होगी।  

सूत्रों ने बताया, रविवार रात पुलिस की मौजूदगी में अस्थाई बस अड्डे पर जिले से गुजर रहे सैकड़ों लोगों को यातायात पुलिस ने पहले एक जगह बैठने को कहा। फिर उनपर पर दमकल गाडय़िों से सोडियम हाइपोक्लोराइड युक्त पानी का छिड़काव किया गया। घोल का पानी आंखों में पडऩे से कुछ लोगों की आंखें लाल हो गईं, जलन होने लगी और बच्चे ज्यादा परेशान हो गए।  उन्होंने बताया, इन कामगारों पर दो बार छिड़काव किया गया। कुछ देर के लिए वहां भगद मच गई।  

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, यात्रियों को संक्रमण मुक्त करने के लिए किए गए केमिकल रसायनिक घोल केी छिड़काव से उठे कुछ सवाल– क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं? केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है? भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है? साथ में भीगे खाने के सामान की क्या वैकल्पिक व्यवस्था?”  

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया, देश में जारी लॉकडाउन के दौरान जन-उपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं, लेकिन प्रवासी मजदूरों पर उत्तर प्रदेश के बरेली में कीटनााशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है। इसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। सरकार तुरन्त ध्यान दे.” उन्होंने आगे लिखा, बेहतर होता कि केन्द्र सरकार राज्यों की सीमाएं सील कर हजारों प्रवासी मजदूरों के परिवारों को बेआसरा व बेसहारा भूखा-प्यासा छोड़ देने के बजाए दो-चार विशेष ट्रेनें चलाकर इन्हें इनके घर तक जाने की मजबूरी को थोड़ा आसान कर देती।”

उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने घटना से जुड़ा वीडियो ट्विटर पर साझ करते हुए लिखा है, “उप्र सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके से अमानवीय काम मत करिए”

About Post Author

Advertisements