इंदौर 2 अप्रैल (भाषा) कोरोना वायरस संक्रमण के एक स्थानीय मरीज के संपर्क में आए लोगों को ढूंढने गए स्वास्थ्यकर्मियों के दल पर पथराव की बहुचर्चित घटना के सात आरोपियों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। पथराव की घटना में दो महिला चिकित्सकों के पैरों में चोटें आई थीं। पुलिस को सुराग मिले हैं कि शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके की यह घटना सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के बाद असामाजिक तत्वों के उकसावे के चलते सामने आई थी। पथराव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा, “वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान के बाद घटना के लिए जिम्मेदार सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।” डीआईजी ने बताया कि शहर में कोरोना वायरस का जो भी मरीज मिल रहा है, उसके परिजनों और उसके संपर्क में आए व्यक्तियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सघन अभियान चलाकर ढूंढा जा रहा है और उन्हें सावधानी के तौर पर अलग किया जा रहा है ताकि इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
उन्होंने बताया, “हमें पता चला है कि स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव की घटना से एक-दो दिन पहले सोशल मीडिया पर इस अभियान के खिलाफ कुछ अफवाहें फैलाई गई थी। हालांकि, पथराव सुनियोजित प्रतीत नहीं हो रहा है। टाटपट्टी बाखल इलाके के कुछ असामाजिक तत्वों के उकसावे पर क्षेत्रीय रहवासियों ने अचानक पथराव किया।”
मिश्रा ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे। इस बीच, छत्रीपुरा पुलिस थाने के प्रभारी करणी सिंह शक्तावत ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की उम्र 21 से 50 वर्ष के बीच है और इनमें से तीन लोगों को आपराधिक रिकॉर्ड है।
उन्होंने बताया कि मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 147 बलवा, धारा 188 किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं माननाी, धारा 269 ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो, धारा 353 लोक सेवकों को भयभीत कर उन्हें उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए उन पर हमला और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
थाना प्रभारी ने बताया कि फिलहाल मामले के करीब 15 आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि टाटपट्टी बाखल के पथराव में चोटिल हुईं दोनों महिला डॉक्टर कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान चला रहे स्वास्थ्य विभाग के पांच सदस्ईय दल में शामिल थीं। यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आए लोगों को ढूंढने गया था।