मुंबई, 14 मई (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट से बृहस्पतिवार को सेंसेक्स में 886 अंक की गिरावट आई। इसके अलावा वैश्विक बाजारों में बिकवाली का सिलसिला चलने से भी यहां धारणा प्रभावित हुई।
विशेषज्ञें का कहना है कि बाजार 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज से भी खुश नहीं है। इस पैकेज से तत्काल सीमित राशि ही खर्च की जानी है। यह कुल पैकेज के आकार का काफी कम है। इससे अर्थव्यवस्था में तत्काल पुनरोद्धार की गुंजाइश कम है।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान 955 अंक तक नीचे चला गया था। हालांकि, बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ और अंत में यह 885.72 अंक या 2.77 प्रतिशत के नुकसान से 31,122.89 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 240.80 अंक या 2.57 प्रतिशत के नुकसान से 9,142.75 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा में सबसे अधिक पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज हुई। इन्फोसिस, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एनटीपीसी के शेयरों में भी गिरावट आई। वहीं दूसरी ओर हीरो मोटोकॉर्प, एलएंडटी, मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट और सनफार्मा के शेयरों में लाभ दर्ज हुआ।
आनंद राठी के प्रमुख इक्विटी रिसर्र्च फंडामेंटली नरेंद्र सोलंकी ने कहा, अमेरिकी बाजारों में कल आई गिरावट के बाद आज भारतीय बाजार नकारात्मक रुख के साथ खुले। फेडरल रिजर्व ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस संकट से दीर्घावधि की वृद्धि को लेकर चिंता पैदा हो गई है।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा राहत पैकेज के पहले सेट के उपायों से निवेशक बहुत उत्साहित नहीं हैं। वे इससे आगे की घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोपहर के कारोबार में बाजार की धारणा थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के संक्षिप्त आंकड़ों से प्रभावित हुई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में प्राथमिक उत्पादों में अप्रैल में 0.79 प्रतिशत की अपस्फीति रही, जबकि मार्च में इन उत्पादों की महंगाई दर 3.72 प्रतिशत रही थी। विश्व व्यापार संगठर्न डब्ल्यूएचओी ने आगाह किया है कि शायद कोरोना वायरस कभी नहीं जाएगा। इससे एशियाई बाजारों में गिरावट आई।
चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार भी नुकसान में कारोबार कर रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 3.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ 30.32 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में रुपया 10 पैसे के नुकसान से 75.5र्6 अस्थाईी प्रति डॉलर पर बंद हुआ।