इंदौर, 19 मई (भाषा) मध्यप्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के पतन के बाद पिछले दो महीने से सियासी पालाबदल का खेल जारी है। इस बीच, पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद बौरासी गुड्डू ने वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि वह भाजपा छोडऩे के बारे में अपने समर्थकों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं।
गुड्डू, अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने सोमवार को पीटीआई-भाषा से कहा, सिंधिया सामंती सोच के नेता हैं और उनके भाजपा में आने के बाद मैं अपने समर्थकों से सलाह-मशविरा कर रहा हूं कि अब इस पार्टी में रहा जाए या नहीं?
गुड्डू की ताजा बयानबाजी को इन अटकलों से जोड़कर भी देखा जा रहा है कि वह इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा सीट पर होने वाले आगामी उपचुनावों में कांग्रेस खेमे से उम्मीदवार हो सकते हैं।
सिंधिया खेमे के वफादार नेता और शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली मौजूदा भाजपा सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट अपनी इस पारम्परिक सीट से फिर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। सूत्रों के मुताबिक गुड्डू ने सांवेर क्षेत्र में आगामी उपचुनावों के मद्देनजर कांग्रेस नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।
हालांकि, उन्होंने उपचुनावों में इस विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपनी दावेदारी की अटकलों का सीधा जवाब नहीं दिया। इस बारे में पूछे जाने पर पूर्व सांसद ने कहा, अगर सिंधिया के अंधभक्त सिलावट सांवेर से उपचुनाव लड़ते हैं, तो मैं उन्हें हराने में पूरी ताकत से जुट जाऊँगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले गुड्डू का लम्बा राजनीतिक जीवन कांग्रेस में ही गुजरा है। हालांकि, प्रदेश के नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों से चंद रोज पहले वह अपने पुत्र अजीत बौरासी के साथ भाजपा के पाले में चले गए थे।
भाजपा ने इन चुनावों में अजीत को पड़ोसी उज्जैन जिले की घट्टिया सीट से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन गुड्डू के पुत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल मालवीय के हाथों चुनाव हार गए थे।
इस बीच, सिलावट ने उपचुनावों से पहले कांग्रेस को झ्टका देते हुए सांवेर क्षेत्र के छह कांग्रेस नेताओं को भाजपा के पाले में शामिल करा दिया है। इन नेताओं को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भोपाल में सोमवार को ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई गई।
बेहद नाटकीय घटनाक्रम के दौरान कमलनाथ सरकार के मार्च में हुए पतन में सिंधिया खेमे के सिलावट और अन्य बागी विधायकों की बड़ी भूमिका थी। बदले राजनीतिक परिदृश्य में सांवेर समेत सूबे की 24 विधानसभा सीटों पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग ने फिलहाल उपचुनावों का कार्यक्रम घोषित नहीं किया है।