
dainikmp.com | 27 जून 2025 |
जम्मू। इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है और इसे लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने व्यापक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली हैं। 38 दिनों तक चलने वाली इस पवित्र यात्रा में इस बार 50000 से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है। यह व्यवस्थाएं जम्मू क्षेत्र में स्थापित 106 आश्रयगृहों के माध्यम से की गई हैं, जिसमें भोजन, शौचालय, आरएफआईडी कार्ड और सुरक्षा की भी चाकचौबंद व्यवस्था है।
🛕 यात्रा मार्ग और प्रमुख विशेषताएं
- यात्रा दो मार्गों से आयोजित की जा रही है:
- पारंपरिक पहलगाम मार्ग (अनंतनाग) – 48 किलोमीटर
- बालटाल मार्ग (गांदरबल) – 14 किलोमीटर, अधिक दुर्गम लेकिन छोटा
- अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ 2 जुलाई को जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से होगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे।
🏕️ ठहरने और सुविधाओं की व्यवस्था
संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने जानकारी दी कि लखनपुर से बनिहाल तक 50,000 श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए व्यवस्था की गई है। इसके लिए:
- 106 अस्थायी आश्रयगृह बनाए गए हैं।
- सामुदायिक रसोइयों की स्थापना स्वयंसेवी संगठनों की मदद से की गई है।
- आश्रयगृहों में शौचालय, पेयजल और रोशनी की व्यवस्था भी की गई है।
विशेष रूप से कठुआ, सांबा, जम्मू, उधमपुर और रामबन जिलों में ये तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
🧾 पंजीकरण और आरएफआईडी कार्ड
- पंजीकरण दो प्रकार से होगा: नियमित और तत्काल (on-the-spot)
- तत्काल पंजीकरण माता वैष्णो देवी मंदिर पर पांच केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा।
- RFID कार्ड अनिवार्य रहेंगे और ये निम्न स्थानों से प्राप्त किए जा सकते हैं:
- लखनपुर, सांबा, जम्मू, चंद्रकोट, बनिहाल
🚫 ट्रेन यात्रा नहीं, पूरी तैयारी जमीन मार्ग से
इस बार की यात्रा में ट्रेन यात्रा शामिल नहीं होगी। तीर्थयात्री सड़क मार्ग से ही यात्रा पूरी करेंगे। प्रशासन ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुरक्षा, चिकित्सा, आपातकालीन सेवाएं और राहत केंद्रों के साथ कर ली हैं।
🔐 सुरक्षा और नियंत्रण व्यवस्था
- यात्रा मार्ग पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
- पुलिस, अर्धसैनिक बल और सुरक्षा एजेंसियां 24×7 निगरानी करेंगी।
- हर यात्री का डिजिटल रिकॉर्ड आरएफआईडी कार्ड से ट्रैक किया जाएगा।
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