नहीं रहे पद्मश्री से सम्मानित जबलपुर के डॉ.एमसी डाबर

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मात्र 20 रुपये में करते थे इलाज, गरीबों और जरूरतमंदों के लिए थे मसीहा

जबलपुर 4 जुलाई 2025

गरीबों और जरूरतमंदों के लिए मसीहा माने जाने वाले पद्मश्री डॉक्टर एमसी डाबर का शुक्रवार को निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे और लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। सुबह 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

गरीबों और जरुरतमंदों की करते थे मदद : डॉ.एमसी डाबर

डॉ.डाबर जबलपुर के गोरखपुर क्षेत्र में क्लिनिक चलाते थे, जहां दूर-दराज से मरीज इलाज के लिए आते थे। वे खुद ही मरीजों की जांच करते, दवा लिखते और जरूरत पड़ने पर आर्थिक मदद भी करते थे।

महज 20 रुपये में इलाज करने वाले डॉक्टर डाबर ने अपनी पूरी जिंदगी सेवा को समर्पित कर दी थी। डॉ.डाबर ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा गरीब और जरूरतमंद लोगों की नि:स्वार्थ सेवा में लगाया। उन्हें कम फीस में इलाज करने वाले डॉक्टर के रूप में जाना जाता था।

2 रूपए की फीस से की थी करियर की शुरुआत

डॉ.डाबर ने साल 1972 में चिकित्सा के क्षेत्र में कदम रखा था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत महज 2 रुपये फीस से की थी, जो समय के साथ बढ़कर भी 20 रुपये तक ही पहुंची, जबकि उनके समकक्ष डॉक्टरों की फीस हजारों में होती रही, मगर उन्होंने अपने उस सिद्धांत से कभी समझौता नहीं किया कि इलाज आम आदमी की पहुंच में होना चाहिए।

2020 में पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मान था भारत सरकार ने

 उनकी इस सेवा भावना और समर्पण के चलते उन्हें साल 2020 में भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा। यह सम्मान न केवल उनके पेशेवर योगदान का, बल्कि उनके मानवीय दृष्टिकोण और सेवा भावना का भी प्रतीक था। वे एक डॉक्टर नहीं, बल्कि हजारों-लाखों गरीब परिवारों के लिए उम्मीद की आखिरी किरण थे।

इलाज को आम आदमी की पहुंच में रखने वाले डॉक्टर डाबर अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके काम और मानवता के लिए उनके समर्पण की मिसाल हमेशा याद की जाएगी।

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