
नयी दिल्ली (भाषा) इस सप्ताह शेयर बाजारों की चाल वैश्विक रुझानों, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह उम्मीद जताई।
इसके अलावा, मानसून की प्रगति और व्यापार वार्ता से संबंधित घटनाक्रमों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ”कारोबारियों की नजर प्रमुख वृहद आर्थिक आंकड़ों पर होगी। मांग के रुझान और केंद्रीय बैंक के अगले कदमों का अनुमान लगाने के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति जैसे उच्च आवृत्ति संकेतकों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी।”
उन्होंने कहा कि मानसून की प्रगति और बुवाई के रुझानों ने भी बाजार प्रभावित होगा, क्योंकि इनका असर ग्रामीण खपत पर होता है।
मिश्रा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर, व्यापार वार्ता और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में उतार-चढ़ाव से निवेशकों की भावना प्रभावित होगी।
शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 746.95 अंक या 0.92 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,188.99 पर बंद हुआ था। एनएसई निफ्टी 252.15 अंक या 1.02 प्रतिशत चढ़कर 25,003.05 पर बंद हुआ।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख (संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि भारतीय बाजारों में धीरे-धीरे तेजी आएगी, जिसे आरबीआई द्वारा उम्मीद से अधिक ब्याज दरों में कटौती और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर आशावाद से समर्थन मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि इस बीच, अमेरिकी शुल्क में अप्रत्याशित बदलाव और मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव सहित वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण अस्थिरता पैदा हो सकती है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मुद्रास्फीति में कमी और आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई आक्रामक कटौती से वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों का भरोसा बढ़ने की संभावना है।