MP : लॉक डाउन के दौरान भारत सरकार की गाइड लाइन्स का सख्ती से पालन किया जाए : मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

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पूरी सोशल डिस्टेंसिंग, सुरक्षा एवं सावधानी से हो कार्य
मुख्यमंत्री चौहान ने गाइड लाइन्स संबंधी बैठक में दिए निर्देश 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइड लाइन अनुसार आगामी 3 मई तक जारी रहने वाले लॉकडाउन के अंतर्गत 20 अप्रैल से संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में कुछ चयनित आवश्यक गतिविधियाँ को किए जाने की अनुमति प्रदान की गई है। इनका संचालन लॉकडाउन के मौजूदा नियमों का पालन करते हुए पूरी सोशल डिस्टेंसिंग, सावधानी एवं पूरी सुरक्षा के साथ प्रदेश में किया जाए।

मुख्यमंत्री गुरूवार को मंत्रालय में लॉकडाउन की भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन संबंधी बैठक वी.सी. के माध्यम से ले रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, संचालक जनसंपर्क ओ.पी. श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

लॉकडाउन में ये गतिविधियाँ पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगी

यात्री सेवाएं – हवाई, रेल, रोड, शैक्षणिक व संबंधित संस्थाएं, औद्योगिक, व्यापारिक, होटल व्यवसाय (जिन्हें अनुमति दी गई है उसके अलावा) सिनेमा हॉल, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लैक्स आदि। किसी भी प्रकार की सामूहिक गतिविधि, धार्मिक स्थल, धार्मिक सभाएं, अंतिम यात्रा में 20 से अधिक व्यक्ति, टैक्सी, ऑटो, रिक्शा सेवाएं।

इन निर्देशों का पालन करना होगा

मास्क पहनना अनिवार्य, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, 5 से ज्यादा व्यक्ति एक स्थान पर एकत्रित ना होना, सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकना, शराब, गुटका, तंबाकू पर सख्त प्रतिबंध, कार्य स्थल पर टेम्प्रेचर स्क्रीनिंग, सेनिटाइजेशन, वृद्ध, कमजोर, मरीज, बच्चे घर पर ही कार्य करेंगे और आरोग्य सेतु एप के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।

ये गतिविधियाँ की जा सकेंगी

कृषि एवं संबंधित गतिविधियाँ, ग्रामीण अर्थव्यवस्था संबंधी कार्य, मजदूरों की दैनिक आमदनी की गतिविधियाँ, आवश्यक सेवाओं की चयनित औद्योगिक गतिविधियाँ (पूरी सुरक्षा एवं प्रोटोकॉल का पालन करते हुए), डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-कॉमर्स आदि। स्वास्थ्य संबंधी सेवाएँ, दवा निर्माण इकाइयाँ, चिकित्सा उपकरण संबंधी इकाइयाँ।

कृषि संबंधी कार्य

कृषि उत्पादों का उपार्जन, कृषि उत्पादों की मंडियाँ, ग्रामीण स्तर पर विकेन्द्रीकृत बाजार, कृषि तथा उनके सुधार की दुकानें, कस्टम हायरिंग सेंटर्स, खाद, कीटनाशक, बीज का उत्पादन-वितरण आदि, हार्वेस्टिंग व अन्य कृषि मशीनों का राज्यों और उनके बाहर आवागमन, मत्स्य पालन, मत्स्य उद्योग, मत्स्य उत्पादन, दूध एवं डेयरी सामग्री की आपूर्ति, मुर्गी पालन केन्द्र, पशुपालन केन्द्र, पशु आहार निर्माण, पशु गृह और गौशालाएँ।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की गतिविधियाँ

ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्र-संस्करण उद्योग, ग्रामीण क्षेत्रों के ईंट भट्टे, रोड निर्माण, सिंचाई योजनाएँ, मकान निर्माण, औद्योगिक प्रोजेक्टस, मनरेगा कार्य, जल संरक्षण कार्य, चाय, कॉफी एवं रबर की खेती (50% मजदूरों के साथ) सामान्य सेवा केन्द्र।

आवश्यक गतिविधियाँ

बैंकों की गतिविधियाँ, वृद्धाश्रम, बाल गृह, नि:शक्त आश्रम, महिला आश्रम, बाल संप्रेक्षण गृह, सामाजिक पेंशन योजनाओं की राशि का वितरण, पैट्रोल पंप, गैस एजेंसियाँ संचालन, पैट्रोल। गैस परिवहन, बिजली उत्पादन, डाक वितरण सेवाएँ, पोस्ट ऑफिस, जल आपूर्ति व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, अपशिष्ट प्रबंधन, टेलीकम्यूनिकेशन एवं इंटरनेट सेवाएँ। समस्त खाली व भरे माल वाहक वाहनों का संचालन, ट्रक मरम्मत की दुकानें, हाइवे पर ढाबे, समस्त आवश्यकता की वस्तुओं की आपूर्ति सेवा, किराना दुकानें एवं उचित मूल्य दुकानें (बिना समय के बंधन के), प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया, आई.टी. सेवाएं (50%), शासकीय काम कर रहे कॉल सेंटर, कूरियर सेवाएं, कोल्ड स्टोरेज, वेअर हाउसेस, प्राइवेट सिक्योरटी सर्विस, इलेक्ट्रीशियन मोटर मेकेनिक, प्लम्बर, आई.टी. मरम्मत, बढ़ई।

 औद्योगिक क्षेत्र गतिविधियाँ

एस.ई.जेड., निर्यात उन्मुख उद्योग, आवश्यक वस्तुएं, दवाओं के उद्योग, निरंतर चलने वाले उद्योग, आई.टी. हार्डवेयर, कोयला उत्पाद, मिनरल प्रोडक्टस, पैकेजिंग मटेरियल, जूट इंडस्ट्री, ऑइल, गैस इंडस्ट्री।

व्यक्तियों का आवागमन

स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य आदि आपातकालीन सेवाओं के लिए निजी वाहनों का उपयोग (फोर व्हीलर पर ड्राइवर के साथ एक व्यक्ति, टू-व्हीलर पर एक ही व्यक्ति) कार्य क्षेत्र पर आना-जाना (जिन कार्यों की अनुमति दी गई है।)

ये कार्यालय खुले रहेंगे/अधिकारी आएंगे

जिला प्रशासन, कोषालय, वन विभाग, रक्षा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, आपदा नियंत्रण, मौसम विभाग, भू-गर्भ विभाग, सूचना कार्यालय, खाद्य कार्यालय, एनसीसी, नेहरू युवा केन्द्र, पुलिस, होमगार्ड, अग्नि शमन, आपदा नियंत्रण, जेल, नगरीय निकाय, प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के सभी अधिकारी, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी से 33 प्रतिशत कर्मचारी (जरूरत अनुसार)।

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