बड़वानी, 31 अक्टूबर 2025 (भाषा)
मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में देहदान करने वाले प्रवीण जोशी को राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। जोशी (76) का उम्र संबंधी परेशानियों के चलते बुधवार को निधन हो गया था और उन्होंने अपने जीवनकाल के दौरान देहदान करने का संकल्प काफी पहले ले लिया था।
पुलिसकर्मियों ने जोशी को वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ प्रदान किया और उनके पार्थिव शरीर को इंदौर के एक निजी चिकित्सा महाविद्यालय भेजा गया।
दूसरी बार किसी देहदानी को गार्ड ऑफ ऑनर
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. सुरेखा जमरे ने बताया कि जोशी का बुधवार रात उम्र संबंधी परेशानियों के कारण निधन हो गया था। उन्होंने बताया कि प्रवीण जोशी ने अपने जीवनकाल के दौरान देहदान करने का संकल्प काफी पहले ले लिया था और जिले में दूसरी बार किसी देहदानी को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया है। जोशी मूल रूप से गुजरात के निवासी थे और पिछले तीस वर्षों से बड़वानी में अकेले रह रहे थे।
मेहंदी लगाने का काम करते थे प्रवीण जोशी
सामाजिक कार्यकर्ता अजीत जैन ने बताया,‘‘जोशी अपने सक्रिय जीवन के आखिरी दिनों में महिलाओं के हाथों पर एक खास सांचे से मेहंदी लगाने का काम करते थे।’’ प्रदेश सरकार ने निर्णय किया है कि मरणोपरांत देहदान और अंगदान करने वाले व्यक्तियों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के तौर पर राजकीय सम्मान प्रदान किया जाएगा।

क्या हैं गार्ड ऑफ ऑनर
‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के दौरान वर्दीधारी पुलिस कर्मी या सैनिक अपने हथियारों सहित कतार में खड़े होते हैं। गारद का नेतृत्व करने वाले अधिकारी के आदेश पर इस दस्ते के सदस्य अपने हथियार को ‘सलामी’ की स्थिति में लाकर संबंधित व्यक्ति के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। सरकारी प्रोटोकॉल के तहत आमतौर पर विशिष्ट और अति विशिष्ट श्रेणी के लोगों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जाता है।
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