भोपाल, 8 मार्च मुख्य विपक्षी दल भाजपा द्वारा कथित रूप से सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के बाद प्रदेश में चल रही सियासी नाटक के बीच मध्यप्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार जल्द ही कैबिनेट का विस्तार करेगी। यह जानकारी कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को दी है। कांग्रेस ने हाल ही में आरोप लगाया था कि भाजपा ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए 10 विधायकों का अपहरण कर लिया है। इन अपहृत विधायकों में कांग्रेस, बसपा, सपा एवं निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
हालांकि, भाजपा ने इस आरोप को खारिज कर दिया और दावा किया कि 26 मार्च को मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर यह कांग्रेस के विभिन्न गुटों के बीच चल रही अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई-भाषा से कहा, हम जल्द ही मध्यप्रदेश कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं। अब हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि भाजपा का विधायकों को खरीद-फरोख्त करने का आपरेशन असफल हो गया है।
वहीं, एक राजनीतिक विशेषज्ञ् ने बताया कि राज्य सरकार के लिए कैबिनेट विस्तार करना अत्यंत कठिन काम हो गया है, क्योंकि इसमें उसे कांग्रेस के विभिन्न गुटों के विधायकों के साथ-साथ इस गठबंधन में शामिल बसपा, सपा एवं निर्दलीय विधायकों को शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी थी। तब कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ अकेले ही ली थी और उन्हें अपने कैबिनेट विस्तार करने में उस वक्त पार्टी के वरिष्ठ नेताओं दिग्विजय सिंह, कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्रुपों में हो रही अंदरूनी लड़ाई के चलते काफी लंबा समय लगा था।
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंत्रिमंडल में कुल 35 सदस्य हो सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित 29 सदस्य इस मंत्रिमंडल में शामिल हैं। इस हिसाब से कमलनाथ असंतुष्ट विधायकों को शांत करने के लिए अपने मंत्रिमंडल में 6 और मंत्रियों को रख सकते हैं।
मंगलवार को 10 विधायक गायब हो गए थे, जिनमें दो बसपा, एक सपा, एक निर्दलीय एवं बाकी कांग्रेस के विधायक थे। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता इन विधायकों को हरियाणा के एक होटल में ले गए हैं और कमलनाथ की सरकार को गिराने के लिए उन्हें करोड़ों रूपए देने का आफर दे रहे हैं। इसके बाद प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस इन 10 विधायकों में से सात विधायकों को वापस लाने में अब तक सफल हो चुकी है। इनमें से छह विधायकों को वह दिल्ली से और एक विधायक को बेंगलुरू से वापस भोपाल लाई है।
हालांकि, कांग्रेस के तीन विधायक हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह एवं रघुराज कंसाना का अब तक पता नहीं चल पाया है कि वे कहां हैं। इसी बीच, पांच मार्च को मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट से लापता कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग का विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। लेकिन डंग से इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है। (भाषा)