धनतेरस : समृद्धि और स्वास्थ्य का शुभ पर्व

धनतेरस : समृद्धि और स्वास्थ्य का शुभ पर्व
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दीपावली 2025

धनतेरस दीपावली उत्सव का पहला और बेहद महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस को स्वास्थ्य व धन- सम्पदा की प्राप्ति का अवसर भी माना जाता है।

धनतेरस का महत्व

धनतेरस को यमराज के लिए दीपदान करने का पर्व भी कहा जाता है। इसे ‘यम-दीपदान’ कहा जाता है क्योंकि यह मृत्यु देवता यमराज को प्रसन्न करता है और अकाल मृत्यु से रक्षा करता है। साथ ही यह मां लक्ष्मी, कुबेर देव और धन्वंतरि की पूजा का शुभ दिन है। इस दिन सोने-चांदी और नए बर्तन खरीदना विशेष शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा करने से घर-परिवार में धन
की वृद्धि होती है।

धनतेरस मनाने की विधि

  1. स्नान और साफ-सफाई :
    धनतेरस के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर और पूजा स्थान की अच्छी तरह साफ-सफाई करें। स्वच्छता को देवी लक्ष्मी का आवास माना जाता है।
  1. पूजा स्थल की सजावट :
    मंदिर या पूजा स्थान को दीप, फूल और रंगीन कपड़ों से सजाएं। लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर जी की प्रतिमाएं स्थापित करें। मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाएं।
  1. पूजा सामग्री तैयार करें :
    पूजा में चावल, कुमकुम, अक्षत, फूल, मिश्री, सुपारी, दही, फल, खीर और मिठाइयाँ रखें। धन्वंतरि देव को तुलसी, गाय का दूध और मक्खन अर्पित करें।
  1. पूजा विधि :
     सबसे पहले भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं।
     माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर एवं धन्वंतरि की षोडोपचार विधि से पूजा करें।
     चंदन का तिलक लगाएं, अक्षत चढ़ाएं, मंत्र जाप करें।
     प्रशाद अर्पित करें और आरती करें।
  1. दीपदान और यम का सम्मान:

शाम को मुख्य द्वार और आंगन में दिव्य दीप जलाएं। यम देवता के लिए भी दक्षिण दिशा में दीप जलाना शुभ माना जाता है जिससे मृत्युदेव का कोप टलता है।

  1. शुभ खरीदारी :
    धनतेरस पर सोना, चांदी, नए बर्तन या पीतल की वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है। लोक मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीजों में तेरह गुना बढ़ोतरी होती है।
  1. दान और पूजा समाप्ति :
    पूजा समाप्ति पर जरूरतमंदों को दान दें, यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है। फिर सभी को प्रसाद वितरण करें।

शुभ मुहूर्त

धनतेरस पूजा का शुभ समय प्रदोष काल एवं संध्या काल (शाम लगभग 5:30 से 8 बजे तक) माना जाता है। इस समय पूजा करने से लाभ अधिक होता है।

धनतेरस पर्व घर-परिवार में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा, दीपदान, साफ-सफाई और आवश्यक खरीदारी कर हम मां लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि देव को प्रसन्न कर सकते हैं। इस प्रकार धनतेरस का पर्व अपने पूरे वैभव और आध्यात्मिक लाभ के साथ मनाया जा सकता है।

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