आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को हमेशा याद किया जाना चाहिए: पीएम मोदी

आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को हमेशा याद किया जाना चाहिए: पीएम मोदी
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‘आखिरकार, जनता-जनार्दन की जीत हुई आपातकाल हटा लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए : पीएम मोदी

नयी दिल्ली, 29 जून 2025(भाषा)

पीएम नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल के दौरान लोगों पर अत्याचार को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधने के लिए रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रसारण कार्यक्रम में आपातकाल का विरोध करने वाले प्रमुख नेताओं की टिप्पणियां सुनाईं और कहा कि इन्हें हमेशा याद रखा जाना चाहिए क्योंकि इससे हमें अपने संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है।

‘मन की बात’कार्यक्रम : पीएम मोदी

मोदी ने अपने ‘मन की बात’कार्यक्रम में कहा कि जिन लोगों ने आपातकाल लगाया, ‘‘उन्होंने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी अपना गुलाम बनाए रखने का था।’’

मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पार्टी का नाम लिए बिना आपातकाल के दौर की ज्यादतियों के लिए कांग्रेस की निंदा की। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के बीच आपातकाल को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार के तहत अघोषित आपातकाल कायम है।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जन-भागीदारी की शक्ति से, बड़े-बड़े संकटों का मुकाबला किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको एक ऑडियो सुनाता हूं, इस ऑडियो में आपको उस संकट की भयावहता का अंदाजा लगेगा। वो संकट कितना बड़ा था, पहले वो सुनिए, समझिए।’’

ऑडियो में आपातकाल के बाद प्रधानमंत्री रहे मोरारजी देसाई की आवाज थी, जिन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी शासन का ‘‘उत्पीड़न’’ कई वर्षों से जारी था, लेकिन आपातकाल लागू होने के बाद अंतिम दो वर्षों में यह अपने चरम पर पहुंच गया।

देसाई ने कहा, ‘‘लोगों के स्वतंत्रता के हक छीन लिए गए, अखबारों को कोई स्वतंत्रता न रही। अदालत बिल्कुल निर्बल बना दिए गए और जिस ढंग से एक लाख से ज्यादा लोगों को जेल में बंद कर दिया और फिर मनमाना राज होता रहा, उसकी मिसाल दुनिया के इतिहास में भी मिलना मुश्किल है।’’

1975 से 1977 के काले दिन : मोदी

मोदी ने प्रसारण में कहा कि 1975 से 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल के दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने उस अवधि से संबंधित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम के भाषणों के अंश सुनाए।

उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस साहब को बेड़ियों में जकड़ा गया था और याद किया कि उस समय आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता था।

उन्होंने कहा कि छात्रों को परेशान किया गया और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा गया।

उन्होंने कहा कि उस दौर में हजारों लोग गिरफ्तार किए गए, उन पर अमानवीय अत्याचार हुए, लेकिन ये भारत की जनता का सामर्थ्य है कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता उसने स्वीकार नहीं किया।

उन्होंने कहा कि ‘‘आखिरकार, जनता-जनार्दन की जीत हुई आपातकाल हटा लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए।’’

देश ने मनाया ‘संविधान हत्या दिवस’ : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपातकाल की 50वीं बरसी को हाल में ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया गया और इसके खिलाफ लड़ने वालों को हमेशा याद रख जाना चाहिए।

ऑडियो के अनुसार, 1977 में इंदिरा गांधी सरकार की हार के बाद वाजपेयी ने कहा था, ‘‘देश में जो कुछ हुआ, उसे केवल चुनाव नहीं कह सकते। एक शांतिपूर्ण क्रांति हुई है। लोकशक्ति की लहर ने लोकतंत्र की हत्या करने वालों को इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिया है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हमें हमेशा उन सभी लोगों को याद करना चाहिए, जिन्होंने आपातकाल का डटकर मुकाबला किया था। इससे हमें अपने संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है।

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